shivashiv

अरमान है

चले हैं एक राह पे,
कुछ अपनों के साथ में...
राह नहीं आसान है,
पूरी लगी अपनी जान है।
एक बार हम चमकेंगे,
हमारे सितारे भी दमकेंगे।
उम्मीदों की डोर बना ली है,
हम उड़ेंगे ऊंचे आसमान में।
बनानी एक पहचान है,
अपनों के कुछ अरमान है।
है देर हुई पर कुछ दूर नहीं,
हम इतने भी मज्ञबूर नहीं।
चल दिया है लड़खड़ा के,
क़दम भी सम्भल जायेंगे।
अपनी राह बनायेंगे।
उठेंगे लड़ेंगे बढ़ेंगे,
अरमानों की राह में,
सफलता की चाह में।
ख्वाब पूरे करने की चाह है,
कुछ अपनों का साथ है।