Rahul verma (Rv)

यारियां

दुःखी मन में हंसाने का 

वो सहारा हो तुम,

शरारतों में हाथ बटाने वाले

वो आवारा हो तुम,

परीक्षा के वक्त मस्तियों में झूमने वाले

वो नकारा हो तुम,

लड़ाइयों के वक्त साथ खड़े होने वाला

वो चारा हो तुम,

कभी साथ न छोड़ने वाला खुदा का

वो इशारा हो तुम,

मेरी सभी गलतियों को माफ करने वाला

वो भाईचारा हो तुम। 

 

“ तुम्हारा अपनी गलतियों को देख चहरा खिलता

ऐसा जैसे कोई फूल हो कुसुम,

आओ चोलो फिर से एक बार मिलकर गले लगते है अगर तुम कही हो गए हो गुम। ”