Pranav Kumar

तनहाई

मोहब्बत के मुकद्दर में हर रोज जुदाई है।

शहर भर में शोर है पर मेरे दिल में तन्हाई है।।

जाने क्युँ हर जगह मातम रस छाया है।

लगता है वह आज फिर किसी का दिल तोड़ आई है।।