मोहब्बत के मुकद्दर में हर रोज जुदाई है।
शहर भर में शोर है पर मेरे दिल में तन्हाई है।।
जाने क्युँ हर जगह मातम रस छाया है।
लगता है वह आज फिर किसी का दिल तोड़ आई है।।