मेरा पथ ना रोक
मुझे ना विचलित कर तू
है जो सुप्त सी ज्वाला
उसे ना ज्वलित कर तू
मुझे ना पथ मिला फूलों का
मुझे ना पथ आसान मिला
कँटीली राह मिली मुझको
संघर्षो का साथ मिला
मुझे तो बस चलना आता
कभी भी विश्राम मिला
सुख के क्षण तो ही कम थे
दुख के बादल का बिंब मिला
कुछ ऐसा ही है मेरा जीवन
कभी धूप खिली
कभी छांव मिली
मानसी शर्मा