खुद के कंधे पे सर रखकर खुदी को थाम लेते हैं ।
बहुत तन्हा जो होते हैं, तो उनका नाम लेते हैं ।।
वो अक्सर ख्वाब बन कर के , मेरी रातें चुराते हैं ,
मेरे हाथों से हाथ अपना यूं जोरों से छुड़ाते हैं ,
हमारी आंख खुलती है, हम ...\"बोतल\" ...थाम लेते हैं,
बहुत तन्हा जो होते हैं , तो उनका नाम लेते हैं ।।