मै उनको करता शत-शत प्रणाम,
जिस मिट्टी पर जन्मे कितने विर महान ।।
क्यों न उनका परदेशी हु लेकिन,
करता हूं मै उनका भी गुनगान ।।
सच गाने में क्या जाता है,
जब वो है सच में ही महान ।।
जय-जय भारत जय-जय भारत,
तु तो है माँ भारत बड़ी महान ।।
कास मै भी होता उस धरती पर जन्मा,
जहां होता है तेरा इतना सम्मान ||
इस जन्म में तो तुमसे रीसता जोड़ा,
अगले जन्म में माँ मुझको भी -
तु लेना स्वीकार कर बेटा मान ||
मां मै भी खड़ा हो तीरंगे के नीचे-
गा सकु जन - गण - मन का गान ।।
माना इस जन्म में तेरा परदेशी हु पर,
अपना सिर दिया हु तेरे चरणों में थाम।।