uglykavi

नए साल पर ज्यादा न सोचें

दोस्तों,
आज नए साल का पहला दिन है!
और आप सभी ने कुछ न कुछ सोच रखा है|
ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है!
कवि चन्द्रेश कहते हैं -
ज्यादा सोचनेवाले अकसर
निष्कर्ष तक नहीं पहुंचते|
जो पहुंचते हैं वे अकसर
कार्यान्वयन में मात खाते हैं|
याद रखिए अगर आप दूर की सोच सकते हैं
और कर्मठ हैं,
तभी मुश्किल अकल्पनीय कार्य सिद्ध होते हैं|
ऐसी दूरदृष्टता एवं मार्गदर्शन की
आज के दौर में बड़ी जरूरत है|
जहां \"Skill India\" आगे नहीं बढ़ता,
वहां नोटबंदी \"Kill India\" लाती है|
अगर आपकी काबिलीयत और मेहनत 
आपको नोट नहीं दे सकती,
तो इसे \"Kill India\" ही कहेंगे, क्यूं?
पर जैसा मैंने कहा -
ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं!
कल हो न हो?
कल की सोच में आज न गवांएं|
आज साल का पहला दिन है|
अच्छी शुरुआत मुकाम के करीब लाती है|
जीवन में रस जरूरी है|
परिवार और समाज को व़क्त देना जरुरी है|
ज्यादा सोचना जरूरी नहीं है!
आपको नया साल मुबारक हो|
धन्यवाद!