चाँद पर तो बड़ा गुमना था
मुझे
बस ,
कतरे भर गुस्ताखी कर बैठे ....
उसका ,
कलंक ही न जान सका
खेर,बगेरत सी नादानी कर
बैठे.....
चांदनी से मुलाकात कर ...
चाँद की असलियत से ही
बगावत कर बैठे....
- divj.....