उम्मीदों का तूटना, एक कविता सुनाऊं,
आसमान से गिरी, एक छोटी सी बूँद की तरह।
रातों की गहराईयों से, सपनों की ऊँचाइयों तक,
उम्मीदें हैं मिटाना, कई सवारियों का सफर।
दिल में बसी ख्वाहिशों का, अब तकिया है खाली,
बिखरी चाँदनी रातों में, आँसुओं की कहानी।
उम्मीदों की किरणें, बिखेरती हैं सवेरे,
मन की धड़कनों में, बसी है एक पुरानी राहें।
पलकों पे ठहरी है, उम्मीदों की सिलसिला,
तूटी चाहतों की, भीड़ में बसी एक मिसाल।
उम्मीदें रंगीनी हैं, जीवन की मिठास में,
तूटी अरमानों से, होती है एक नई शुरुआत।