uglykavi

विकट समस्या समाज की

विकट समस्या समाज की
विफल जनतंत्र के समाधान की।
नफरती आग की,
उद्वेलित भावनाओं की,
निराशा व हताशा की,
सबके अंत की।
विकल्पों के अभाव की,
व्यापक भागीदारी के अभाव की,
खोए विश्वास और कोशिश की।
कवि चन्द्रेश कहते हैं -
मंज़र ये ख़तरनाक हैं,
सभी परेशान हैं।
जरूरत एक नए जुनून की।
विचारधारा पर अडिग -
विश्वास और भरोसे की।
तकलीफों से बेपरवाह की,
खौफ से अनजान की,
धुन के पक्के की,
अन्य सब से अनजान की।
एक कहानी -
मृत्यु पर विजय की,
जरूरत जज़्बे और जुनून की।