सपनों की दुनिया, रात की चादर में बैठी,
छाई है रौशनी, मन को भर देती।
चंदनी रातों में, सपनों की बातें हैं,
खो जाएं जब हम, तो सपनों में हमें पातें हैं।
बादलों की चादर में, छुपा है सपनों का आशियाना,
मिलते हैं हमारे ख्वाबों में, खुशियों का सम्राट हम।
चाँदनी की किरणों में, बचपन के खेल हैं,
सपनों की डोली में, रातें हमारी मील हैं।
खुलती है आंखें, सवेरा आता है,
सपनों का सफर, दिल को बहुत हर्षित बनाता है।
चलो सपनों की दुनिया में, बसा लें ख्वाबों को,
जहाँ हर पल है खास, और मन है खुशियों से भरा।