हाथों की कलाइयां,
झकोर मारती है अब,
तुझे कंगनों का वादा कर,
वो तेरे हाथों से,
भरोसे की खुशबू ले गया,
लालच दिखाया झंकार की,
और लबो से बोली ले गया,
वो झूठा और मक्कार,
मोहब्बत को बेचने,
और खिरदने वाला,
फरेब रौशनी दिखा के,
आँखों का नूर ले गया...