Dev Parth

जो दर्द की वजह है

जो दर्द की वजह है

वही मरहम क्यूँ है

खामोशी बेचैनी और

ये पागलपन दिल में यूँ ‌दफन क्यूँ है।

 

कमी सी है तेरे ना होने से

ज़ेहन को तेरी फिक्र सी क्यूं है।

कहते हो तुम धड़कनों में बसते हो

फिर जिंदगी इतनी सुनी-सुनी क्यूँ है।