जिंदगी की दौड़ से इतना गिर चुका था, कि दोबारा उठ ना सका।
खुद को फिर उन नज़रों से देख ना सका।
ना जाने क्या हुआ इन बीते सालों में,
कुछ कह ना सका।
रोता रहा मगर आंसू बहा ना सका।
टूटता रहा मगर कुछ कह ना सका।