संघर्ष है ज़रूरी जीवन हमें सिखाए।
जिससे मिली सफलता वह मार्ग ये दिखाए।।
आसाँ बहुत नहीं है ना मार्ग भी सरल है।
पाने यहाँ विजय को पीना पड़ा गरल है।।
मानो अभी यहाँ जो बातें तुम्हें बताऊं।
संस्कार इस जगत में पूजित हुआ सुनाऊं।।
पशुवत हुआ मनुज जो संस्कारहीन होता।
सोचें भला जगत जो वह प्रेमनीर सोता।।