Anmol Sinha

अब क्या बतलाएं और कैसे बताएं हम

 

अब क्या बतलाएं और कैसे बताएं हम

इन आंसुओं को जाने कैसे छुपाएं हम

 

हर कोई डूबा हुआ है अपने ही ग़म में

अब ग़म की बात अपनी किसको सुनाएं हम

 

एक अरसा हो चुका है जुदा उससे हो गए

अब इस ज़ीस्त को ऐसे कैसे बिताएं हम

 

आंखों में, धड़कन में, सांसों में बसा है

चाहें भी तो उसको कैसे भुलाएं हम

 

दिल दे दिया, धड़कन थमने लगी अब क्या कहें

उल्फ़त में तेरी और क्या क्या लुटाएं हम

 

दुनिया का भी ग़म है मोहब्बत का भी ग़म 

सारे गमों से दामन कैसे छुड़ाएं हम

 

अनमोल