ज़िंदगी से मुझे अब तो मलाल होने लगा
इसको लेकर मेरे दिल में सवाल होने लगा
सुना है मैने भी नाम अपना उसके होठों पर
यारों ये कैसा फिर अब तो कमाल होने लगा
ये जो अपनी है ज़मीं हक यहां पे सबका है
बस कहा था यही पर फिर बवाल होने लगा
इन दिनों उसके तसव्वुर में हम लगे आने
यारों जाने ये क्या अब तो कमाल होने लगा
गहरी आँखें हैं, लबों पर भी फूल उगने लगे
रूप क्या होने लगा, क्या जमाल होने लगा
अनमोल