Anmol Sinha

न जाने कितने आराम से वो सोते होंगे

न जाने कितने आराम से वो सोते होंगे

वही तकिए तेरी बाहों में जो होते होंगे

 

जुदा होकर यहां हम ग़मज़दा से हैं अब तो

जुदाई में हमारी वो भी तो रोते होंगे

 

किया तौबा नहीं जिसने अब वो सब अमूमन

कहां जाकर गुनाहों को अपने धोते होंगे

 

यहां पहले भी दीवाने तो आए ही होंगे

कहां \'अनमोल\' तेरे बराबर होते होंगे

 

अनमोल