पलकों पे हैं सितारे आंखों में नमी है किसकी यारों हमें अब इस जहां में कमी है
तुम यहां आओ, मत आओ ये है मर्ज़ी तुम्हारी आँखें लेकिन हमारी तेरी राहों में जमी है
करते हैं मेरी बातें पर नहीं मुझसे करते हमसे ये किस तरह की अब ये तो बरहमी है
देखा बाज़ार में कल जुल्फें उनकी बिखरते तब से हम हैं कहीं पर दिल कहीं, होश कहीं है
कल वो भी एक टक यूं देखते रह गए थे देख आओ ज़रा अब हाल ऐसा तो नहीं है
अनमोल