तुम्हें देख सकूँ
बस यूँ ही नहीं
बल्कि हर उस बात को महसूस कर सकूँ
जो तुम्हारी ख़ामोशी भी कहती है
तुम्हारे पास रह सकूँ
बिना किसी वजह
बिना किसी शर्त
तुम्हारी उपस्थिति
मेरे भीतर कुछ ज़िंदा रखती है
सिर्फ़ इतना कह सकूँ
कि तुम बेहद ख़ूबसूरत हो
इसके पहले कि
ये सब
गुनाह हो जाए
या यह
दुनिया ख़त्म हो जाए