Deepti saini

प्यारी बेटी हेज़ल सैनी

वो नन्हें कदमों से आई  है | 

हाँ वो मेरी ही परछाई है|

 

मन में भोर कि चिड़िया गूंजे 

जब जब वो मुस्काई है|

हाँ वो मेरी ही परछाई है|

 

वो सीप में मोती भर लाई है| 

मानो नन्हा उपहार बन कर आई है|

हाँ वो मेरी ही परछाई है|

 

मुझ से जीवन लिया है उसने या मानो मुझे नई जिंदगी दिलाई है|

हाँ वो मेरी ही परछाई है|

लेखक दीप्ति