Anmol Sinha

तेरी ही याद तेरा ही ख़्याल कल से है

तेरी ही याद तेरा ही ख़्याल कल से है

मैं क्या बताऊं मेरा कैसा हाल कल से है

 

क्या तेरी याद काफी होगी मेरे जीने को

ज़हन में मेरे बस यही सवाल कल से है

 

जिधर मैं देखता हूं तुम नज़र में आते हो

मैं क्या बताऊं कैसा ये कमाल कल से है

 

कि एक दूसरे से लड़ रहे हैं लोग अब

कि शहर में ये कैसा अब बवाल कल से है

 

ये मेरा शहर तो नया नया सा लगता है

कि वक्त की कोई नई ये चाल कल से है l

अनमोल