Anmol Sinha

तेरे बाद कोई हसरत बची नहीं दिल में

तेरे बाद कोई हसरत बची नहीं दिल में

दिल लगाने की भी हिम्मत बची नहीं दिल में

 

जान मेरी वो था, वो जो उतर गया दिल से

उसके वास्ते अब इज़्ज़त बची नहीं दिल में

 

जाते-जाते उसने शर्मिंदा फिर किया हमको

उसको रोकूं ये भी जुर्रत बची नहीं दिल में

 

प्यार में क्यों तेरे दीवाने जैसे फिरते रहें

अब तो इतनी सी भी शिद्दत बची नहीं दिल में

अनमोल