Anmol Sinha

कहां तुम मुझको मनाने आए

कहां तुम मुझको मनाने आए

तुम भी तो दिल को जलाने आए

 

दिल जज़ीरे की तरह खाली था

हम तेरी याद बसाने आए

 

कल से जब लौट के फिर तू आया

फिर से उल्फ़त के ज़माने आए

 

जब मैं तन्हाई में कल बैठा था

याद तेरे ही फ़साने आए

 

नाम तक जानते मेरा नहीं हैं

हक़ वही लोग जताने आए |

अनमोल