दिन गुजरा नहीं तेरे से बात करे, दिन गुजरात नहीं तेरा दीदार करे।(2)
सुबह हो या शाम, हम ले आपका ही नाम।(1)
हर लफ़्ज़ में ही निकलता माँ आपका ही नाम। (1)
जब तक न करे गुफ्तगु, केसे होगा ये दिन शुरू।(2)
सुबह हो या शाम, हम ले आपका ही नाम।(1)
हर लफ़्ज़ में ही निकलता माँ आपका ही नाम। (1)
मां होती ही ऐसे, जिसे मैं कहूं पराया केसे (2)
सुबह हो या शाम, हम ले आपका ही नाम।(1)
हर लफ़्ज़ में ही निकलता माँ आपका ही नाम। (1)
आई लव यू माँ❤️❤️
- Authors: poeticside_rhea
- Visible: All lines
- Finished: May 27th, 2023 23:30
- Limit: 6 stanzas
- Invited: Friends (users on his/her list of friends can participate)
- Category: Unclassified
- Views: 3
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