दर्द की धुप में बिखरे स्मृतियाँ

Dev Parth


चाँदनी की चादर में छुपी,
सपनों की गलियों में बिखरी दुखभरी रातें।
एक सुध-सा शांति, एक दर्द भरा संगीत,
दिल के कुंजों में, जहाँ दुख बैठे हैं।
निराशा की बूंदों में दरारें सुनाई देती हैं,
एक टूटा हुआ आत्मा रोशनी के लिए तड़प रहा है।
प्रेम की नाज़ुक पंक्तियाँ, अब मुरझाई और ठंडी,
स्मृतियों के बाग़ में, एक अनकही कहानी है।
नीले स्वप्नों के लिए एक आबादी में, सुनसान सुनसान,
नींद के कलाचीन में, एक खाली निगाह।
विवादित हंसी की गुनगुनाहट, परेशान करती और अदूर,
समय की छाया में, एक खाली निगाह।
विदा की दर्दनाक आवाजें, अनदेखी और अदूर,
हृदय के कैम्बर्स में छबीली एक ड्रामा।
वायदा टूटे कुछ नाजुक कांच की तरह,
दुख का मोजा, क्षणों की बहुत।
अलगाव का दर्द, एक अनवार,
खुशी को धोने वाला, दर्द को बचा रहने के लिए।
हृदय के इंटरव्यू में अकेली मुस्कान,
दर्द के कला का एक मास्टरपीस।
टांगल इमोशन्स, जैसे की बाँधने वाली बेल,
हानिकारक के खगोल में, एक टूटा हुआ मन।
दुख के बौछारों में, एक तूफान के साथ,
जो किसी भी क्षण तथा समय का एक रूप है।
फिर भी, विघ्नों के बीच, एक किरण की तरह ग्रेस,
दर्द की सौंदर्य, एक कड़वा मिठास की गले।
क्योंकि दुख की टैपिस्ट्री में, एक चांदी की धागा,
हम मिलते हैं सोचने की शक्ति को उठाने के लिए बिस्तर से।
तो, बरसात की तरह आँसू गिरने दो,
जख्मों को ठीक करने, दर्द को कम करने के लिए।
दुख के संगीत में, एक ग्रेस का सुर,
प्रेम के स्थायी निशान की एक दु: खद याद दिलाने के लिए।

  • Authors: Dev parth (Pseudonym)
  • Visible: All lines
  • Finished: January 18th, 2024 09:00
  • Limit: 6 stanzas
  • Invited: Public (any user can participate)
  • Category: Unclassified
  • Views: 7
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