अल्फाज़ तेरे मेरे, दिल की गहराइयों में बसे,
जैसे रिश्तों की कहानी, हर एक लम्हे में समाए।
बेहद प्यारे अल्फाज़, जिन्हें छूने की ख्वाहिश है,
हर बार जब भी मिलते हैं, दिल में खुशियाँ लाते हैं वो यादें।
बातें जो तेरे मेरे अल्फाज़ से कही जाती हैं,
हर एक शब्द में छुपा है दिल का जज्बा और आबादी।
मिलते हैं अलग हम जिंदगी के राहों में,
पर तेरे मेरे अल्फाज़ बनते हैं हमारे रिश्तों की मालिक।
जब भी दूरी आती है, तो यादें ताज़ा हो जाती हैं,
अल्फाज़ तेरे मेरे, हमें हर दर्द से बचाते हैं।
जैसे एक गीत की धडकन, हर बीती रात की छाया,
वो अल्फाज़ हमारे, हमें हमेशा याद आते हैं वो सफर सुहाना।
- Author: Chiki (Pseudonym) ( Offline)
- Published: January 28th, 2024 23:16
- Category: Love
- Views: 1
To be able to comment and rate this poem, you must be registered. Register here or if you are already registered, login here.