खुद से मिलने निकले हैं

Kritwan

खुद से मिलने निकले है

इस राह पे हम अकेले निकले हैं

अब कोई हमें छल नहीं सकता

हम सादगी से जल के निकले हैं

हम किसी के लिए अहम है हमारा वहम था

बमुश्किल हम इस वहम से निकले हैं

  • Author: Kritwan (Offline Offline)
  • Published: September 11th, 2024 11:17
  • Comment from author about the poem: कभी कभी खुद से मिलने में बहुत वक्त लगता है।
  • Category: Love
  • Views: 19
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