वक्त की बात है, शायद वक्त की बात नहीं, उलझन ऐसी जो सुलझी आज भी नही, हकीकत में रहने की ईच्छा मिटी तो आज भी नही, पर इस चीज़ के लिए एक छोटी सी शुरुआत का प्रयास भी नही, नईं जिंदगी की इच्छा हर शाम ही सही, सांझ डले मन पे विचार पले, विचारो को पूरा करने का खयाल आज भी नही, हर सुबह नया दिन हो सही, पर हर शाम को फिर दिमागी कल्पनाओ का संसार ही सही,मन की शांति आज भी नही, जग में कुछ ऐसा खास भी नही, कहता ये बात बेपाक ही सही,मन में चुबन सहता हर बार ही सही।
- Author: Dr sr ( Offline)
- Published: September 15th, 2024 09:50
- Category: Unclassified
- Views: 14
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