खुशियों के देस में जहां मुस्कान का राज है,
हँसी की धारा बहती है बेख़बर सा जैसे बादल का बाज़ार।
चुटकुलों की डेढ़ियाँ हंसी के ताले हैं,
हर आदमी को बदलते रंगों में ले जाने की क्षमता है यहां।
एक बार एक बिल्ली थी, शरारती सी मुस्कान के साथ,
हंसी की गूंज फैलाती, सदा जीत की तैयारी के साथ।
छिपती थी छायाओं में, चालाकी से प्रतीक्षा करती,
हंसी से लोगों को भरती, एक दम से खिलखिलाती।
एक बत्तख़ थी, चंचलता के साथ चलती,
मजेदार चुटकुले सुनाती, आज़ादी के साथ हंसती।
भिंगरा के नृत्य से प्रसन्नता प्रकट करती,
हंसी ने भरी महक, रंग लाती, आगे न रुकती।
एक खुशनुमा बुजुर्ग आदमी, आंखों में चमक छोड़ते,
बेतुकी बातें सुनाते, हंसी के झोंके उड़ाते।
जादू सा वचनों में, ख़यालों में बुनते,
हंसी को भर जाते, हँसते-हँसते रुकते नहीं।
खुशी की धुन में जो खोये, पहले उड़ते बादल जैसे,
हंसी के नग्मे सुन
ाकर हमें तरोताज़ा करवाते।
क्योंकि मजेदार हास्य कविताओं में, हम खज़ाना पाते,
एक अद्वितीय पल, एक आनंद जिसे बहुमूल्य कहाते।
- Author: Dev parth (Pseudonym) ( Offline)
- Published: May 28th, 2023 00:45
- Comment from author about the poem: The imagery and metaphors used bring a vivid picture to the reader's mind. The playful nature of the cat, the cheerful duck, and the wise old man all contribute to creating a delightful atmosphere. The poem reminds us of the value of laughter and its ability to uplift our spirits. Overall, it is a heartwarming and enjoyable piece of poetry.
- Category: Humor
- Views: 4
Comments2
If I'll ask you to write a poetry on Diwali, would you ?
Yes sure why not
Here it is, but might not good 😊
हजारों दीपकों की रौशनी में चमक,
दीपावली का त्योहार, खुशी का इज़हार।
रंग बिखरे, मिठाईयाँ हंसी का हार,
दिये की किरणें, रात को जगमगाएं सार।
रंगोली सजाएं, मिलन की मिठास,
खुशियों का बजार, सजता दीपावली का इन्तेजार।
पटाखे फूटे, आसमान में रंगीन आसमान,
इस दीपावली रात, आओ मनाएं मिलन का जश्न।
लक्ष्मी माता, तेरा आशीर्वाद पाएं,
घर-घर में सुख-शांति हमारे दिल में बसे।
दीपावली की शुभकामनाएं, यही हैं तमन्ना,
देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद हो, दें सबको संपत्ति का सार।
Thanks a lot !, Happy Diwali
Happy Diwali 🎇🎆🎇
And happy birthday 🎂🎂 to you
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