यादों की छाया

Dev Parth

रात की चुपके से, जहां छाएं फीकी हो जाती हैं,
तेरी हंसी की गुनगुनाहट, सपनों में भी बिखर जाती है।
यादें चमकती हैं जैसे अंधेरे में खोई हुई तारे,
हर पल तेरे साथ, जीवन की ये सच्चाई बन जाती है।
 
तेरा प्यार मेरी धुन है, एक दर्दभरी और प्यारी धुन,
हर धड़कन में, चाँदनी के नीचे, मैं सुकून ढूंढता हूँ।
जो तूफान चले, तू मेरी नाजुक रोशनी है,
तेरी बाहों में, हर कुछ पहले चमकता था, अब सही लगता है।
 
चाँदनी के ठंडे नजरों के नीचे, हमारे सपने धीरे-धीरे फीके होते हैं,
भाषा में सुंदर शब्दों में, धीरे-धीरे उनकी आवाज में दी हैं।
तेरे साथ, हर सांस एक प्रार्थना है, हर स्पर्श एक कांटा है,
हमारे दिलों के ताल में, जहां प्यार पैदा हुआ था।
 
तेरा प्यार मेरी धुन है, एक दर्दभरी और प्यारी धुन,
हर धड़कन में, चाँदनी के नीचे, मैं सुकून ढूंढता हूँ।
जो तूफान चले, तू मेरी नाजुक रोशनी है,
तेरी बाहों में, हर कुछ पहले चमकता था, अब सही लगता है।
  • Author: Dev parth (Pseudonym) (Offline Offline)
  • Published: July 12th, 2024 22:14
  • Category: Unclassified
  • Views: 3
Get a free collection of Classic Poetry ↓

Receive the ebook in seconds 50 poems from 50 different authors




To be able to comment and rate this poem, you must be registered. Register here or if you are already registered, login here.