"शाम की गपशप: मेरी डायरी के संग"
(केवल खास पाठकों के लिए)
मैं कहीं भी चली जाऊँ, साथ रहेगी तो यह शाम, यह सुनहरे फ़ैले बदल, यह मस्त मौला उड़ान भरते पक्षी; यह ढलता सूर्य, इसकी रेशमी किरणें, दूर क्षितिज पर उड़ता हवाई जहाज़ (जो मुझे fancy सा लगता है); यह हवा में लहराती सौंधी खुशबू ,और एक प्यारी धुन...
"वो शाम कुछ अजीब थी
ये शाम भी अजीब है
वो कल भी पास पास थी
वो आज भी क़रीब है
वो शाम कुछ अजीब थी... "
कल की हो या आज की, शाम तो शाम होती है....वक्त शाम के सामने कुछ भी नहीं है। सदाबहार मौसमी मिजाज़ है शाम का!
क्या दुनिया के हर कोने से वसंत ऋतु की शाम इतनी हसीन लगती होगी? क्या दूर पैरिस में बैठा कोई फ़ोटोग्राफर, या दक्षिण अमेरिका में बैठा कोई किसान, घास के मैदान पर बैठ शाम को यूँ घूरता होगा ?
हाथ पर हाथ धरे क्या रूस की कोई सुंदर कन्या शाम को फ़ुर्सत से बैठती होगी? कितना हसीन विचार है... सब शाम की बदौलत!
सुनो.... जो आसमान है ना, वह जोड़ता है, समूची मानव जात को... कैसे?
अभी बताती हूँ ... धरती टुकड़ों में बाटी है अलग-अलग महाद्वीप हैं,
लेकिन... जो आसमान है वह तो एक ही है, एक ही सूर्य, एक ही चंद्रमा, हवा एक है (जो पूरी दुनिया की सैर करती है)।
समझे मेरी 'आसमानी' थ्योरी !
हा हा हा हा हा....
और लो आनंद (मेरी डायरी), तुम्हें लिखते लिखते सूर्यास्त ही हो गया। लेकिन शाम अभी भी उजली है, रोशनी अभी भी क़ायम है, तो फिर... मिलते हैं, कल शाम को!
#वसंत Delight
- नैना पाण्डेय
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Author:
Naina Pandey (
Offline)
- Published: March 12th, 2025 09:12
- Comment from author about the poem: A short diary entry in my mother tongue Hindi....
- Category: Nature
- Views: 8
- Users favorite of this poem: Tristan Robert Lange, Naina Pandey
Comments1
दोस्त, यह कवितामय डायरी प्रविष्टि सुंदर है। वाकई। "सदाबहार सफ़ेद मिजाज़ है शाम का!" पंक्ति अद्भुत है और मुझे भावुक कर देती है। पूरी कविता ने मुझे वास्तव में छू लिया। हाँ, मैं आपके "आकाश" सिद्धांत को समझता हूँ। वाकई। मैं अमेरिका में पूर्वी पेनसिल्वेनिया में रहता हूँ, और मैं हर रात आसमान की ओर देखता हूँ और वास्तव में, हम सभी इसके नीचे जुड़े हुए हैं। हर तरह से सुंदर कविता। साथ ही, मुझे हिंदी में कविताएँ पढ़ने का अवसर देने के लिए धन्यवाद। मैं अनुवाद अनुप्रयोगों के लिए आभारी हूँ और विभिन्न भाषाओं में संलग्न होना पसंद करता हूँ। मुझे बस उम्मीद है कि अनुवादक ने अपना काम अच्छे से किया होगा। फिर से, सुंदर काम, नैना!
आपका बहुत धन्यवाद मित्र, हालांकि मुझे यकीन है कि अनुवाद में इस गद्यांश के अर्थ में परिवर्तन अवश्य आए होंगे, किन्तु मुझे बहुत खुशी हुई जानकर कि आप ने मेरे लेख को समझने का प्रयत्न किया। ईश्वर आपको खुश रखे
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