दिल में किसी की याद को लाना फ़िज़ूल है

Anmol Sinha

दिल में किसी की याद को लाना फ़िज़ूल है                        बुझती हुई शमा को जलाना फ़िज़ूल है

 

वो शख्स बेवफ़ा है ये मालूम है मुझे                                  उम्मीद कोई उससे लगाना फ़िज़ूल है

 

दिल में छुपी जो बात थी नज़रों ने की अयाँ                        अब राज़ कोई दिल में छुपाना फ़िज़ूल है

 

वो संगदिल समझता नहीं दिल की बात तो                        फिर अपने अश्क को यूं बहाना फ़िज़ूल है

 

रखना नहीं है जब तुम्हें कोई भी ताल्लुक                         फिर पन्नों में ये फूल दबाना फ़िज़ूल है

 

जब प्यार कोई दिल में तुम्हारे बचा नहीं                           तो बातों से ये फिक्र जताना फ़िज़ूल है

 

'अनमोल' तुम ग़ज़ल से ही अपनी बयां करो                      यूं दिल में अपना दर्द छुपाना फ़िज़ूल है

अनमोल

  • Author: Anmol (Pseudonym) (Offline Offline)
  • Published: October 17th, 2025 10:16
  • Category: Unclassified
  • Views: 1
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Comments +

Comments1

  • Priya Tomar

    Waah !
    Behad khubsurat .



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